एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
जब पाकिस्तान के पागल बिशन सिंह को उसके गांव टोबा टेक सिंह से निकाल कर हिंदुस्तान भेजा जाता है तब वह दोनों देशों की सरहद पर मर जाता है.
यह किसी ऐसे फ़ेबल जैसी कहानी है जो हिंदी कहानी के इतिहास में हमेशा बनी रहेगी. इसे पढ़ते हुए आधुनिक-सभ्यता के उन पूर्व दार्शनिकों का कथन याद आता है : 'एवरीवन इज़ डिसीविंग दि अदर एंड एवरीवन इज़ डिसीव्ड बाय दि अदर.
नैतिक शिक्षा – दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।
” alludes to your classical songs tradition, symbolising the intricate and harmonious but normally discordant rhythms of daily life while in the village.
मुस्लिम बुज़ुर्ग को ट्रेन में बीफ़ के शक में पीटे जाने का क्या है मामला, अब तक क्या कार्रवाई हुई
During this novel, a young boy Bunti website looks at the developed-up environment of his relatives through his child eyes and wounded eyes. But no matter if this novel is about Bunti or his mother Shakun is usually a bone of competition. Shakun’s ambitions and self-significance for herself is usually a problem to the relatives, ultimately leading to her separation from her spouse. With this conflict between a spouse a spouse, it's Bunti who suffers one of the most. The novel is highly acclaimed and praised for its comprehension of youngster psychology.
संत से कहा – आप जानते हैं बिच्छू का स्वभाव नुकसान पहुंचाने का होता है।
Image: Courtesy Amazon A novel published by Kashinath Singh, this Hindi fiction guide was initially revealed in Hindi. Set in the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel gives a vivid portrayal of town’s multifaceted lifestyle and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of town from the lens of its people, capturing the essence of Varanasi’s ancient traditions, spiritual techniques, and the clash in between modernity and age-previous customs.
यह कहानी हमें कभी भी चोरी न करने और हमेशा नेक रास्ते पर चलने की सीख देती है।
अमूल अमेरिकी दूध बाज़ार पर पकड़ बनाने के लिए कर रहा ये कोशिश
ऐसा करता देख उन्होंने बच्चों को डांट कर भगाया , और विषधर को अपने साथ ले गए।
बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है बुरे कामों से बचना चाहिए।
एक बार भैंस तालाब पर पानी पीने आई थी। भैंस का पैर विशाल पर पड़ गया था। फिर भी विशाल को नहीं हुआ। उसकी जान कवच से बची थी। उसे काफी खुशी हुई क्योंकि बार-बार उसकी जान बच रही थी।